"तब भारत बंद हुआ था क्या???"
दौड़ रहे भारत की, तेजी मंद कराने निकले हैं
देखो ये नालायक, 'भारत बंद' कराने निकले हैं..
बरसों था भारत क़तार में तब तो चिंता नहीं हुई
आम आदमी था उधार में तब तो चिंता नहीं हुई
जब विश्व में साख बड़ी, तब भारत बंद को निकले हैं
सच पूछो तो ये विपक्षी खुद का अस्तित्व बचाने निकले हैं
बरसों से जो काले धन की काली नागिन पाल रहे
अपनी परेशानी वो जनता के हिस्से में डाल रहे
चोर चोर मौसेरे भाई बात समझ में आयी है
आज विपक्ष की राजनैतिक बिसात समझ में आयी है
बरसों से जिनने जनता पर महंगाई का वार किया
अब उन्हीं ने महंगाई का झूठा है प्रचार किया
जब सैनिक पे पत्थर बरसे भारत बंद कराना था
जब किसान रोटी को तरसे भारत बंद कराना था
2G , कोल दलाली थी, तब भारत बंद कराना था
देश में रातें काली थी, तब भारत बंद कराना था
सिक्खों के नरसंहारो पें काहे दर्द नहीं होता
जेऐनयु के नारों पे क्यूँ भारत बंद नहीं होता?
आधी रात जब खुला न्यायालय भारत बंद कराना था
जब खतरों में था देवालय भारत बंद कराना था
जब श्री राम को मिथक बताया, भारत बंद हुआ था क्या
लालू ने जब चारा खाया, तब भारत बंद हुआ था क्या?
करते थे ईमान की बातें आज वो भटके लगते है
काले धन के बड़े निवाले गले में अटके लगते हैं !!
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