लो मशालों को जगा डाला किसी ने...
भोले थे कर दिया भाला किसी ने...
लो मशालों को जगा डाला किसी ने...
है शहर ये कोयलों का...ये मगर न भूल जाना
लाल शोले भी.. इसी बस्ती में रहते हैं युगों से
लाल शोले भी.. इसी बस्ती में रहते हैं युगों से...
लो मशालों को जगा डाला किसी ने...
भोले थे कर दिया भाला किसी ने...
लो मशालों को जगा डाला किसी ने...
आग बेवजह कभी घर से निकलती ही नहीं है,
आग बेवजह कभी घर से निकलती ही नहीं है...
टोलियाँ जत्थे बनाकर चींखकर यूँ चलती नहीं है..
रात को भी देखने दो, आज तुम.. सूरज के जलवे,
रात को भी देखने दो, आज तुम.. सूरज के जलवे ...
लो मशालों को जगा डाला किसी ने,
भोले थे कर दिया भाला किसी ने...
लो मशालों को जगा डाला किसी ने...
by -श्री प्रसून जोशी
Audio link is http://www.timesnow.tv/videoshow/4381686.cms
भोले थे कर दिया भाला किसी ने...
लो मशालों को जगा डाला किसी ने...
है शहर ये कोयलों का...ये मगर न भूल जाना
लाल शोले भी.. इसी बस्ती में रहते हैं युगों से
लाल शोले भी.. इसी बस्ती में रहते हैं युगों से...
लो मशालों को जगा डाला किसी ने...
रास्तो में धूल है...कीचड़ है,पर ये याद रखना
रास्तो में धूल है ..कीचड़ है, पर ये याद रखना ...
ये जमीं धुलती रही संकल्पवाले आंसूओं से
मेरे आँगन को है धो डाला किसी ने
लो मशालों को जगा डाला किसी ने...भोले थे कर दिया भाला किसी ने...
लो मशालों को जगा डाला किसी ने...
आग बेवजह कभी घर से निकलती ही नहीं है,
आग बेवजह कभी घर से निकलती ही नहीं है...
टोलियाँ जत्थे बनाकर चींखकर यूँ चलती नहीं है..
रात को भी देखने दो, आज तुम.. सूरज के जलवे,
रात को भी देखने दो, आज तुम.. सूरज के जलवे ...
जब तपेगी ईंट तभी होश में आयेंगे ये तलवे..
तोड़ डाला मौन का ताला किसी ने,
तोड़ डाला मौन का ताला किसी ने.....लो मशालों को जगा डाला किसी ने,
भोले थे कर दिया भाला किसी ने...
लो मशालों को जगा डाला किसी ने...
by -श्री प्रसून जोशी
Audio link is http://www.timesnow.tv/videoshow/4381686.cms