Thursday, 5 February 2015

चली है सुशासन कि बयार कि अब इसका मान रखियो !

चली है सुशासन कि बयार कि अब इसका मान रखियो
दिल्ली में आया है चुनाव कि थोड़ा भैय्या ध्यान रखियों
पहले राष्ट्र को जीते फिर हम महाराष्ट्र भी जीते
हरियाणा का कुरुक्षेत्र भी भैय्या हम ही जीते
झारखण्ड का ताज मिला है, हीरेवाली माटी में
पहली बार कमल खिला है काश्मीर की घाटी में
यह है कांग्रेस मुक्त अभियान कि इसके विधान बनियो !
"आप" को करके बाहर पुण्य का काम करियो
चली है सुशासन कि बयार कि अब इसका मान रखियो
दिल्ली में आया है चुनाव कि थोड़ा भैय्या ध्यान रखियों

-श्री बृजेश कुमार


कीचड़ चारों ओर बहुत है अब तो कमल खिलाना होगा


हिम शिखरों को छला गया है षडियन्त्रों के छल छंदों में
जीती भूमि गवा डाली हमने पड़कर अनुबंधों में
अब की बार नहीं पड़ जाना आपस के इन द्वंदों में
आओ सत्ता भार सौंप दें राष्ट्र भक्तों के कन्धों पे
 देश को स्वर्णिम विकास के शिखर तलक ले जाना होगा
कीचड़ चारों ओर बहुत है अब तो सभी जगह कमल खिलाना होगा ! 
-श्री  राधाकांत पाण्डेय


घर घर मोदी जैसा व्यक्ति चाहता हूँ मैं


राम की ही शक्ति और राम की ही भक्ति में राम की अनुरक्ति में विरक्ति चाहता हूँ मैं
जिस चक्र से शिशुपाल वध हो गया हे आराध्य देव वही शक्ति चाहता हूँ मैं
जिनकी शहादतों ने - इतिहास बदला है हर घर वही राष्ट्र-भक्ति चाहता हूँ मैं
हर-हर महादेव इस दुनिया में गूंजे  , घर घर मोदी जैसा व्यक्ति चाहता हूँ मैं
-श्री राधाकांत पाण्डेय