Saturday, 22 December 2012

निष्क्रियता त्यागो!!

Recent cartoon by Sudhir Tailang ji


निष्क्रियता त्यागो!! शासकों जागो !!! 

आज फिर से "मौन-व्रत" टूटा,
कहा-"ऐसा अपराध ना हो दोबारा!!"

हम कोई ठोस कदम नहीं उठायेंगे 
हम कोई कानूनी संशोधन नहीं लायेंगे 
मांगेंगे इन्साफ संसद में-चीख-चीख कर 
पर, ऐसे अपराधो के खिलाफ,आवाजों को दबायेंगे 
और फिर सरकार में बैठ चिल्लायेंगे - ऐसा  अपराध ना हो दोबारा!!
जन चेतना को, जन आक्रोश को 
विद्रोह बताकर, लाठियां बरसाएंगे 
आंसू गैस के गोले चलाएंगे 
जन प्रतिनिधि होते हुए भी 
जनता की भावनाओ को ना समझने का, ढोंग रचाएंगे!!
जब जनता के हाथ पैर टूट जायेंगे,
हम एक बैठक कर उनके नेता से मिलने की झूठी आस जगायेंगे !!
ऐसे अन्दोलन का कोई नेता ना पाकर मन ही मन मुस्कुराएंगे 
और फिर सरकार में बैठ चिल्लायेंगे - ऐसा  अपराध ना हो दोबारा  !!
अबला, कह कहकर नारी को सहमायेंगे 
जगह जगह सिर्फ कैमरे लगायेंगे 
और अपराध हो ने के बाद
अपराधियों को पकड़ने की वीर गाथाये गायेंगे!
कोई पुख्ता कानून ना लायेंगे 
जब अपराधी बेल पर छूट जायेंग,
हम  फिर सरकार में बैठ चिल्लायेंगे - ऐसा  अपराध ना हो दोबारा  !!
कहो तो, पीड़ित का बार बार पुलिस बयान करवाएंगे 
उसके परिवार के,मन में, कानून के लम्बे चक्करो का डर बैठाएंगे! 
न्याय के मंदिर कहे जानेवाले न्यायालो में बैठे
न्यायाधीशों के हाथ बांध-उन्हें बस पूजनीय मूरत बनायेंगे!
कोई फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट नहीं बनायेंगे
पीड़ित की वर्षों चप्पलें घिसवायेंगे 
पीड़ित का अगर आक्रोश फूटा 
तो उसी पे,न्यायलय व देव तुल्य न्यायाधीशों की 
अवमानना का केस चलाएंगे !!
और जब अपराधी पीड़ित की विवशता पे मुस्कायेंगे 
हम फिर सरकार में बैठ चिल्लायेंगे - ऐसा अपराध ना हो दोबारा  !!
यूँही चलता रहेगा क्रम,सोच सोच महलों में गर बैठे नेता, इठालायेंगे 
वो दिन दूर नहीं जब जनता गद्दी छीन 
स्वयं के, सामाजिक और नियम-कानून बनाएगी 
ऐसी रुत में, वो दिन दूर नहीं जब  ऐसी व्यवस्था चर्मराएगी 
कि कोई लाठी, कोई बन्दूक,कोई इमरजेंसी,  

उन्हें ना रोक पाएगी !!
इससे पहेले शासको जागो , समाज के ठेकेदारों जागो !!
अपनी यह निष्क्रियता त्यागो!!
लाओ मिलकर कानून ऐसा जिससे,
फिर कलंकित न हो भारत माँ का चेहरा !!
लाओ मिलकर ऐसी कानून व्यवस्था,
जिससे अपराधियों के मन में हो भय घनेरा !
और फिर सब मिलकर दोहराएंगे :-
भारत माँ के आँचल में सुरक्षित है हर नागरिक, हर अबला !!
हमारे सभ्य समाज में होगा नहीं, ऐसा अपराध फिर दोबारा !!
कहना नहीं पड़ेगा फिर यूँही, दिखावे के लिए 
"ऐसा अपराध ना हो दोबारा!!"